वक्त ने हमको चुना
चोट खाने के लिये
मंज़िलें और भी हैं
राह दिखाने के लिये
कौन जीता है भला
गम उठाने के लिये
वक़्त आड़ा ही सही
साथ बिताने के लिये
रफू करना कला है
जिन्दगी बचाने के लिये
उधड़ गए तो सिले
गले लगाने के लिये
हिला रहा है कोई
हमको जगाने के लिये
उठो , अहतराम कर लो
ताल मिलाने के लिये