भारी भरकम लफ्जों की पढ़ाई भी नहीं ,
गीत गज़लों की गढ़ाई की तालीम भी नहीं ,
है उम्र की चाँदी और जज्बात के समन्दर की डुबकी,
किस्मत लिखने वाले की मेहरबानी ,
जिन्दगी का सुरूर , चन्द लफ्जों की जुबानी...
क्षमा करें, इस ब्लॉग में जिस पेज को आप खोज रहे हैं वह मौजूद नहीं है.
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एक रिटायर्ड चार्टर्ड एकाउंटेंट बैंक एक्जीक्यूटिव अब प्रैक्टिस में ,की पत्नी , इंजिनियर बेटी, इकोनौमिस्ट बेटी व चार्टेड एकाउंटेंट बेटे की माँ , एक होम मेकर हूँ | कॉलेज की पढ़ाई के लिए बच्चों के घर छोड़ते ही , एकाकी होते हुए मन ने कलम उठा ली | उद्देश्य सामने रख कर जीना आसान हो जाता है | इश्क के बिना शायद एक कदम भी नहीं चला जा सकता ; इश्क वस्तु , स्थान , भाव, मनुष्य, मनुष्यता और रब से हो सकता है और अगर हम कर्म से इश्क कर लें ?मानवीय मूल्यों की रक्षा ,मानसिक अवसाद से बचाव व उग्रवादी ताकतों का हृदय परिवर्तन यही मेरी कलम का लक्ष्य है ,जीवन के सफर का सजदा है|