tag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post3260218658230988402..comments2023-10-19T07:53:19.722-07:00Comments on गीत-ग़ज़ल: जब भी लय छूटेशारदा अरोराhttp://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-53199814564595738522010-09-03T11:25:52.705-07:002010-09-03T11:25:52.705-07:00:):)manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-43723454170901660542010-09-01T04:55:23.725-07:002010-09-01T04:55:23.725-07:00खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी..
ख्यालों में तितलिय...खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी..<br />ख्यालों में तितलियों को पकड़ पायेगा कब तक<br />.. बहुत खूब... तितलियों के साथ खेलने वाला बाल मन बरकरार रह जाए, तो इस दौर में यह क्या कम है?पवन धीमानhttps://www.blogger.com/profile/13856945026319860927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-74823167591184565762010-08-31T11:05:33.234-07:002010-08-31T11:05:33.234-07:00शारदा जी नमस्कार! आपकी रचना बहुत भावपूर्ण और लाजबा...शारदा जी नमस्कार! आपकी रचना बहुत भावपूर्ण और लाजबाव हैँ! शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- <a href="http://vishwaharibsr.blogspot.com" rel="nofollow"> गमोँ की झलक से जो डर जाते हैँ।...........गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर </a> क्लिक कर सकती हैँ।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-43984617725511814872010-08-31T07:18:19.935-07:002010-08-31T07:18:19.935-07:00लाजवाब !
लामिसाल !
_____________उम्दा रचना...........लाजवाब !<br />लामिसाल !<br />_____________उम्दा रचना.............Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-74276460120622081262010-08-30T10:35:01.744-07:002010-08-30T10:35:01.744-07:00तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको
कलम के जिम्मे य...तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको<br />कलम के जिम्मे ये सफ़र बतलाओ कब तक<br />वाह...वाह<br />बहुत अच्छी रचना है...<br /><br />अगर आपका कलाम शायरी के पैमाने में ढल जाए, तो इसमें और निखार आ जाएगा.<br />बधाई स्वीकार करें.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-10576115674619766772010-08-30T06:49:08.905-07:002010-08-30T06:49:08.905-07:00तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको
कलम के जिम्मे य...तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको<br />कलम के जिम्मे ये सफ़र बतलाओ कब तक<br /><br />वाह बहुत खूब...अच्छी रचना...बधाई<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-44653118916337322312010-08-30T03:39:14.566-07:002010-08-30T03:39:14.566-07:00खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी
ख्यालों में तितलियों...खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी<br />ख्यालों में तितलियों को पकड़ पायेगा कब तक ...<br /><br />बहुत ही हक़ीकत भरा शेर है .... सच में जीना .. आज में जीना ही जीवन है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-35240172431549446262010-08-29T18:00:13.309-07:002010-08-29T18:00:13.309-07:00तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको
कलम के जिम्मे य...तन ने कहा ही नहीं मन ने जिया जिसको<br />कलम के जिम्मे ये सफ़र बतलाओ कब तक<br /><br />-बहुत सुन्दर..बढिया लगी रचना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-13362359472731751802010-08-29T05:44:55.280-07:002010-08-29T05:44:55.280-07:00खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी
ख्यालों में तितलियों...खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी<br />ख्यालों में तितलियों को पकड़ पायेगा कब तक<br />शारदा जी बहुत अच्छी रचना है.. <br />मुझे अपनी एक ग़ज़ल याद आ गई, मक्ता और मतला मुलाहिजा फरमाएं..<br />"खुद से नजरे चुराओगे कब तक?<br />आईनों से घबराओगे कब तक?<br /><br />इतनी कहानियाँ तो सुना चुके 'हबीब'<br />असली मुद्दे पर आओगे कब तक?" <br />aapko badhai.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-71371559151132150602010-08-29T04:58:53.729-07:002010-08-29T04:58:53.729-07:00खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी
ख्यालों में तितलियों...खुशबुएँ दूर से ही लगतीं अच्छी<br />ख्यालों में तितलियों को पकड़ पायेगा कब तक<br /><br />बहुत सुंदर, भावपूर्ण रचनाअर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-79991535002944102922010-08-29T02:42:23.159-07:002010-08-29T02:42:23.159-07:00हदें मिटती हैं तो सरहदें टूटती हैं
खानाबदोशों की त...हदें मिटती हैं तो सरहदें टूटती हैं<br />खानाबदोशों की तरह गम खायेगा कब तक<br /><br />बहुत बढ़िया लाजवाब कविता... बधाईसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-52576498312657242652010-08-28T22:00:01.518-07:002010-08-28T22:00:01.518-07:00सुन्दर अभिव्यक्ति !सुन्दर अभिव्यक्ति !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-20456606593529025782010-08-28T21:26:47.087-07:002010-08-28T21:26:47.087-07:00क्या बात है , लाजवाब और बेहतरिन रचना लगी ।क्या बात है , लाजवाब और बेहतरिन रचना लगी ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2187664358510143350.post-44128983977753619612010-08-28T20:13:55.581-07:002010-08-28T20:13:55.581-07:00हदें मिटती हैं तो सरहदें टूटती हैं
खानाबदोशों की त...हदें मिटती हैं तो सरहदें टूटती हैं<br />खानाबदोशों की तरह गम खायेगा कब तक<br />उत्तम विचार। बस इतना ही कि<br /><br />परबति परबति मैं फिर्या, नैन गँवाए रोइ।<br />सो बूटी पाऊँ नहीं, जातैं जीवनि होइ॥मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com