कामना और प्यार के इजहार की बातें करें
लो चले आये हैं वो , उपहार की बातें करें
१ माँगते रहे जो हम , प्यार को दिलदार को
किस्मत के उसी दुलार की बातें करें
रात-दिन ख़्वाबों में उठते ज्वार की बातें करें
२ गुनगुनाता है जो मीत , मीत के उस गीत के
स्वरों की झन्कार की बातें करें
शहनाई के उस लाड़ के मधुर सँसार की बातें करें
एक किरण आशा की , सपने हजार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
तिनका-तिनका बिखरे हों , जमीं से उखड़े हों
राहगुजर दिखलाती , एक किरण आशा की
मन्डराते बादलों से पँख उधार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
बादलों से गुजरे हों , रंग सब बिखरे हों
खुशबू की तूलिका सी , एक किरण आशा की
सुरमई सपनों के मन्जर उतार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
तिनकों सा जुड़ती है , हवाओं में घुलती है
सुबह सी सतरंगी ,एक किरण आशा की
दस्तक देते ही सूरज उतार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
एक किरण आशा की , सपने हजार लाती है
डूबे हों कितने भी , पल में उबार लाती है
वो जो इक बोल मेरी ओर
तुमने उछाला मानों
लपक के पकड़ा मेरे दिल ने
कोई निवाला जानो
बरसा गया कोई बादल
ठण्डी फुहारें मानो
खिल गये फूल और कलियाँ
आईं बहारें जानो
बिना बोले ही तेरी नजरों ने
उछाले दिलासे मानो
झोली भर ली , छंट गये
सारे कुहासे जानो
तूफाँ में नहीं हिलना
तूफाँ के साथ बहना
मुश्किल है मुश्किल में
लहरों को यूँ गिनना
डूबेगा ख़ुद ही तो
अर्जी है भँवर की ये
समँदर की मौजे हैं
किनारे छू के मुस्करायें
मचलें हैं लहरें तो
चंदा से मिलने को
बेशक उनकी भी तो
हर आस अधूरी है
कुछ भी छूटे या रूठे
मौजों के साथ बहना
तरंगें ही जीवन है
हर पल है यही कहना
दुःख गीत ग़ज़ल हो जाता है
गर दुःख के तराने पर थिरक सकें
१.कड़वे शब्दों को न देना दावत
इतने मर्जों से बढ़ कर और सजा क्या है
मर्जों की दवा हो जाती है
गर पग-पग घुँघरू झनक सकें
२.दुःख इम्तिहान लेता है
मीठे बोलों से बढ़ कर और दुआ क्या है
दिल साजे ग़ज़ल हो जाता है
गर दुःख की तर्ज़ पर खनक सकें
उफनी हुई नदिया है
और पार उतरना है
बिगड़ी हुई किश्ती है
धारों पे चलानी है
किश्ती की मरम्मत कर
तूफानों से बचानी है
नदिया का रुख देखो
किनारे सँग ले चलती है
विपरीत बहावों में
सँग -सँग भी तो बहना है
रस्सी को ढीला कर
मौका न गंवाना है
किश्ती का दम देखो
सागर से बहाना है
चंचल सी लहरों सँग
अठखेलियाँ करना है
उफनी हुई नदिया है
कब दूर किनारा है