क्षमा जी की नजर
यूँ न रूठो खुद से इतना ,
के मनाने ज़िन्दगी भी आये तो कम पड़े
आयेंगे हर मोड़ पे इम्तिहाँ लेने को गम बड़े
ज़िन्दगी के ख़जाने में साँसें गिनती की
कितनी पास हैं कज़ा के ,कितनी दूर हम खड़े
ज़िन्दगी अमानत है खुदा की
गौर से देखो कितने अक्सों में हम जड़े
ये नहीं है के छाया कभी देखी न हो
मन ही पागल है के इसके हिस्से ही गम पड़े
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
सो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
एक धागे का साथ जरुरी है
जलना शम्मा को अपने ही दम पड़े
उठो , अहतराम कर लो ज़िन्दगी का
जश्न से गुजरे तो भूल जायेंगे ख़म बड़े
यूँ न रूठो खुद से इतना ,
के मनाने ज़िन्दगी भी आये तो कम पड़े
आयेंगे हर मोड़ पे इम्तिहाँ लेने को गम बड़े
ज़िन्दगी के ख़जाने में साँसें गिनती की
कितनी पास हैं कज़ा के ,कितनी दूर हम खड़े
ज़िन्दगी अमानत है खुदा की
गौर से देखो कितने अक्सों में हम जड़े
ये नहीं है के छाया कभी देखी न हो
मन ही पागल है के इसके हिस्से ही गम पड़े
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
सो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
एक धागे का साथ जरुरी है
जलना शम्मा को अपने ही दम पड़े
उठो , अहतराम कर लो ज़िन्दगी का
जश्न से गुजरे तो भूल जायेंगे ख़म बड़े
एक धागे का साथ जरुरी है
जवाब देंहटाएंजलना शम्मा को अपने ही दम पड़े
बिल्कुल सही कहा…………शानदार गज़ल्।
बहुत खूबसूरत और प्रेरणादायक गज़ल
जवाब देंहटाएंआज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
जवाब देंहटाएंमैं समय हूँ ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
जवाब देंहटाएंसो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
Bilkul sahee kaha Shardaji aapne! Aapne itni sudar rachana mujhe nazar kee hai....mai bhav vibhor ho uthee hun...bahut bahut shukriya!
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
जवाब देंहटाएंसो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
--wah!..bahut gahri baat kahi hai aapne
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
जवाब देंहटाएंसो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
-बहुत खूब! ग़ज़ल अच्छी है ..यह शेर ख़ास लगा.
"चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
जवाब देंहटाएंसो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े"
उम्दा पोस्ट.... सादर...
निहायत उम्दा ज़जबात ........
जवाब देंहटाएंएक धागे का साथ जरुरी है
जवाब देंहटाएंजलना शम्मा को अपने ही दम पड़े
Behtreen panktiyan
एक धागे का साथ जरुरी है
जवाब देंहटाएंजलना शम्मा को अपने ही दम पड़े ...
बहुत खूब .. और इतना सच .. शम्मा तो अपने दम पर ही जलती है ...
Bahut khoob ...
जवाब देंहटाएंवाह!!!!! क्या बात है. बहुत खूब कहा है.हर शेर लाजवाब
जवाब देंहटाएंपहली तीन पँक्तियाँ तो लाजवाब हैं सुन्दर रचना। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!!!
जवाब देंहटाएंये नहीं है के छाया कभी देखी न हो
जवाब देंहटाएंमन ही पागल है के इसके हिस्से ही गम पड़े
क्या बात है, सुंदर रचना
चलती रहती है यूँ ही सारी दुनिया
जवाब देंहटाएंसो गए हम तो क्या सूरज भी थम पड़े
sach me.........