खूबसूरती देखने के लिये , वो आँख जरूरी है
दिल तक उतरने के लिये ,इक आब जरुरी है
दम भरता है क़दमों में जो
रँग भरने के लिये , इक ख़्वाब जरुरी है
जाने कहाँ ले जाये हमें
मंजिले-मक्सद के लिये , दिले-बेताब जरुरी है
कितने ही मन्जर रोकें क़दमों को
राहे-वफ़ा के लिये , असबाब जरूरी है
सवाल-दर-सवाल है ज़िन्दगी गर
ज़िन्दगी के लिये , ज़िन्दगी सा जवाब जरुरी है
कहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
सहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है
दिल तक उतरने के लिये ,इक आब जरुरी है
दम भरता है क़दमों में जो
रँग भरने के लिये , इक ख़्वाब जरुरी है
जाने कहाँ ले जाये हमें
मंजिले-मक्सद के लिये , दिले-बेताब जरुरी है
कितने ही मन्जर रोकें क़दमों को
राहे-वफ़ा के लिये , असबाब जरूरी है
सवाल-दर-सवाल है ज़िन्दगी गर
ज़िन्दगी के लिये , ज़िन्दगी सा जवाब जरुरी है
कहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
सहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएं"महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी
"
waaaaaaaaaaah bhot khub waaah
जवाब देंहटाएंकहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
जवाब देंहटाएंसहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है
bahut sundar bhavapoorn ... abhaar
कहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
जवाब देंहटाएंसहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है,,,
वाह !!! बेहतरीन गजल ,आभार,
RECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
हटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (17-04-2013) के "साहित्य दर्पण " (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
bahut khoob!
जवाब देंहटाएंदिल तक उतरने के लिये ,इक आब जरुरी है '
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत ही सुन्दर ख्याल है.
.भावात्मक अभिव्यक्ति ह्रदय को छू गयी. आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें दादा साहेब फाल्के और भारत रत्न :राजनीतिक हस्तक्षेप बंद हो . .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1
जवाब देंहटाएंकहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
जवाब देंहटाएंसहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है
शानदार शेर.
कहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
जवाब देंहटाएंसहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है ..
सच कहा है ... सहर एक जुगनू से नहीं आती ... पुंज चाहिए रौशनी का ... लाजवाब शेर ...
कहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
जवाब देंहटाएंसहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है .-बहुत ही सुन्दर
आपभी मेरे ब्लॉग का अनुशरण करें, अच्छा लगेगा ,मैंने आपका किया है.
latest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
बहुत सुन्दर शव्दों से सजी है आपकी गजल ,उम्दा पंक्तियाँ ..
जवाब देंहटाएंhttp://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
http://mmsaxena69.blogspot.in/
वाह! अत्यंत रसमय प्रस्तुति | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
जवाब देंहटाएंकहने को चल रहे हैं जुगनुओं के शहर में
सहर के लिये मगर , आफ़ताब जरुरी है
sundar rachna
बहुत ही सुन्दर कविता |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना |आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (24-02-2019) को "समय-समय का फेर" (चर्चा अंक-3257) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया
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