मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
आना है मेरे पास तो , किसी रूह की तरह आ
इस तन को चोगे की तरह , किसी खूँटी पर टाँग के आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
प्यास जन्मों से लगी है ,बुझेगी ये भरम है तुझको
अपने ही सामने तू , किसी गैर की तरह आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
दिल लताड़ने के लिये नहीं होते ,किसी खुशबू सा
चमन में ठण्डी हवा के झोंके की तरह आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
आना है मेरे पास तो , किसी रूह की तरह आ
इस तन को चोगे की तरह , किसी खूँटी पर टाँग के आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
प्यास जन्मों से लगी है ,बुझेगी ये भरम है तुझको
अपने ही सामने तू , किसी गैर की तरह आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
दिल लताड़ने के लिये नहीं होते ,किसी खुशबू सा
चमन में ठण्डी हवा के झोंके की तरह आ
मन मैला तो कौन खुदा
रहता है तू ,खुद से भी ज़ुदा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (06-01-2014) को "बच्चों के खातिर" (चर्चा मंच:अंक-1484) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन एक छोटा सा संवाद - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया,.
जवाब देंहटाएंदाद हाज़िर है.
अनु
बहुत सुन्दर व् सार्थक अभिव्यक्ति .नव वर्ष २०१४ की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर मन है जिसे मैल का पता है :)
जवाब देंहटाएंशारदा जी, बहुत बढ़िया रचना..आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो