बुलाना और बात है , निभाना और बात है
लुभाना और बात है , दिल में बसाना और बात है
दौड़ती रहती है सारी दुनिया जिस के पीछे
मरुस्थल में बारिश का बहाना और बात है
बुझ गया दिल तेरी नजर-अन्दाज़ी से
तेरी फ़राख़-दिली का फ़साना और बात है
मजबूर ही होता है आशिक दिल-लगाई में
पड़ी सिर पर बजाना और बात है
बुलाना और बात है , निभाना और बात है
लुभाना और बात है , दिल में बसाना और बात है
लुभाना और बात है , दिल में बसाना और बात है
दौड़ती रहती है सारी दुनिया जिस के पीछे
मरुस्थल में बारिश का बहाना और बात है
बुझ गया दिल तेरी नजर-अन्दाज़ी से
तेरी फ़राख़-दिली का फ़साना और बात है
मजबूर ही होता है आशिक दिल-लगाई में
पड़ी सिर पर बजाना और बात है
बुलाना और बात है , निभाना और बात है
लुभाना और बात है , दिल में बसाना और बात है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (27-12-13) को "जवानी में थकने लगी जिन्दगी है" (चर्चा मंच : अंक-1474) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मेरे सपनो के रामराज्य (भाग तीन -अन्तिम भाग)
नई पोस्ट ईशु का जन्म !
बहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : रंग और हमारी मानसिकता
दौड़ती रहती है सारी दुनिया जिस के पीछे
जवाब देंहटाएंमरुस्थल में बारिश का बहाना और बात है
वाह ! बहुत खूब .....
Recent post -: सूनापन कितना खलता है.
bahut sunder
जवाब देंहटाएं"दौड़ती रहती है सारी दुनिया जिस के पीछे
जवाब देंहटाएंमरुस्थल में बारिश का बहाना और बात है"
वाह!
दौड़ती रहती है सारी दुनिया जिस के पीछे
जवाब देंहटाएंमरुस्थल में बारिश का बहाना और बात है
**वाह!यह शेर ख़ास लगा.
अच्छी ग़ज़ल.
**** नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!****