दर्द के घूँट और सब्र का प्याला
साकी ने मेरा इम्तिहान ले डाला
अपने हाथों से जो देता है रहमत
उन्हीं हाथों से कहर दे डाला
यकीन अब भी है , तेरे इम्तिहाँ ने
इक नया मुकाम दे डाला
दूर से माप रहा तू हौसला मेरा
लो, मैंने भी तुझे पढ़ डाला
इम्तिहाँ हैं तालीम का हिस्सा
वक्त ने फैसला सुना डाला
कभी तेरी ये सदा , कभी तेरी ये दवा
पीना हमको है , शिकन न डाला
साथी भी है , समाँ भी , सामाँ भी
रूठी किस्मत की नजर कर डाला
साकी ने मेरा इम्तिहान ले डाला
अपने हाथों से जो देता है रहमत
उन्हीं हाथों से कहर दे डाला
यकीन अब भी है , तेरे इम्तिहाँ ने
इक नया मुकाम दे डाला
दूर से माप रहा तू हौसला मेरा
लो, मैंने भी तुझे पढ़ डाला
इम्तिहाँ हैं तालीम का हिस्सा
वक्त ने फैसला सुना डाला
कभी तेरी ये सदा , कभी तेरी ये दवा
पीना हमको है , शिकन न डाला
साथी भी है , समाँ भी , सामाँ भी
रूठी किस्मत की नजर कर डाला
बहुत खूब -सुंदर गजल ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST - प्यार में दर्द है.
क्या बात है। लाजवाब प्रस्तुति। सुंदर अहसास.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति. धन्यवाद!!
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