मान-अपमान भी तय है ,वितृष्णा भरी आँख का सामान भी तय है
न भटकना ऐ दिल , तुझको सहना है जो वो तूफ़ान भी तय है
न राहों से गिला , न कश्ती से शिकायत मुझको
तूफानों के समन्दर में , मेरा इम्तिहान भी तय है
डूबेंगे कि लग पायेंगे किनारे से हम
है किसको पता ,मगर अपना अन्जाम भी तय है
मत बाँध इन किनारों में ऐ खुदा मुझको
मंजिल-ऐ-मक़्सद के लिये , रूहे-सुकून का अरमान भी तय है
थोड़ी धूप , थोड़ी छाँव ओढ़ कर घर से निकले
सफर में जो सामान बटोरा , सर पे बोझ से ढलान भी तय है
न भटकना ऐ दिल , तुझको सहना है जो वो तूफ़ान भी तय है
न राहों से गिला , न कश्ती से शिकायत मुझको
तूफानों के समन्दर में , मेरा इम्तिहान भी तय है
डूबेंगे कि लग पायेंगे किनारे से हम
है किसको पता ,मगर अपना अन्जाम भी तय है
मत बाँध इन किनारों में ऐ खुदा मुझको
मंजिल-ऐ-मक़्सद के लिये , रूहे-सुकून का अरमान भी तय है
थोड़ी धूप , थोड़ी छाँव ओढ़ कर घर से निकले
सफर में जो सामान बटोरा , सर पे बोझ से ढलान भी तय है
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (22-09-2017) को "खतरे में आज सारे तटबन्ध हो गये हैं" (चर्चा अंक 2735) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'रविवार' १४ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंनिमंत्रण
जवाब देंहटाएंविशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।