आज फुर्सत में हूँ मैं ,कहाँ हो बोलो प्यारे
तुमसे हैं बातें करनी,आ जाओ कान्हा प्यारे
सदियों से देखें रस्ता ,ये आँखें जागी-जागी
राह में ऐसे लगीं हैं , जैसे हों कोई अभागी
मुरली की तान सुनाने ,कुछ मेरी भी सुन जाने
आ जाओ कान्हा प्यारे
गये तुम कौन गली हो ,तुम्हारे बिन हैं अधूरे
श्याम तुम अन्तर्यामी ,दूर क्यों खड़े निहारो
चल रहे सँग हमारे , सदा तुम बाहें थामे
आ जाओ कान्हा प्यारे
पहाड़ टूटा तो नहीं है ,नहीं है शिकायत करनी
किसमें है मेरी भलाई ,प्रभु तू बेहतर जाने
मगर मुझको आजमाने , फिर इक बार मुझे समझाने
आ जाओ कान्हा प्यारे
आज फुर्सत में हूँ मैं ,कहाँ हो बोलो प्यारे
तुमसे हैं बातें करनी,आ जाओ कान्हा प्यारे
तुमसे हैं बातें करनी,आ जाओ कान्हा प्यारे
सदियों से देखें रस्ता ,ये आँखें जागी-जागी
राह में ऐसे लगीं हैं , जैसे हों कोई अभागी
मुरली की तान सुनाने ,कुछ मेरी भी सुन जाने
आ जाओ कान्हा प्यारे
गये तुम कौन गली हो ,तुम्हारे बिन हैं अधूरे
श्याम तुम अन्तर्यामी ,दूर क्यों खड़े निहारो
चल रहे सँग हमारे , सदा तुम बाहें थामे
आ जाओ कान्हा प्यारे
पहाड़ टूटा तो नहीं है ,नहीं है शिकायत करनी
किसमें है मेरी भलाई ,प्रभु तू बेहतर जाने
मगर मुझको आजमाने , फिर इक बार मुझे समझाने
आ जाओ कान्हा प्यारे
आज फुर्सत में हूँ मैं ,कहाँ हो बोलो प्यारे
तुमसे हैं बातें करनी,आ जाओ कान्हा प्यारे
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (16-08-2017) को "कैसी आज़ादी पाई" (चर्चा अंक 2698) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
स्वतन्त्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
iAMHJA
जवाब देंहटाएं