गुरुवार, 10 मार्च 2016

गुलाब सा चेहरा

गुलाब को उसके काँटों की वजह से मत छोड़ो 
अवगुणों की वजह से गुणों को मत छोड़ो 

गुजारा है जो वक़्त साथ-साथ , वो बोलता ही मिलेगा 
खुशबुएँ साथ-साथ चलती हैं ,
वरना दिल तन्हा ही मिलेगा 
सारी खरोंचें जायेंगी भर ,गुलाब सा चेहरा दमकता ही मिलेगा 

गुलाब को उसके काँटों की वजह से मत छोड़ो 
अवगुणों की वजह से गुणों को मत छोड़ो

रुकना नहीं है वक़्त ने ,ये तू भी देख ले 
हर आज बना कल , और कल का क्या वज़ूद 
जो चीज कीमती है , गई हाथों से यूँ फिसल 
भर ले उसे सीने में , खुशबू सा समां महकता ही मिलेगा 

गुलाब को उसके काँटों की वजह से मत छोड़ो 
अवगुणों की वजह से गुणों को मत छोड़ो