मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

झाँक के देखो तो ज़रा

वक़्त की शाख से टूटे लम्हे
टाँक के देखो तो ज़रा
टूटी है कोई डोर
झाँक के देखो तो ज़रा

पीले पत्तों की खनक
टोह के देखो तो ज़रा
ठहर जाती है खिजाँ
रोक के देखो तो ज़रा

किस्मत को नकारा
ढाँक के देखो तो ज़रा
ज़िन्दगी इतनी भी नहीं मेहरबाँ
भाँप के देखो तो ज़रा

नस-नस में बसा रावण
काँख में देखो तो ज़रा
खुदगर्जियाँ बनीं देहरी
लाँघ के देखो तो ज़रा

हिलते पानी की कहानी कहते
झाँक के देखो तो ज़रा
सारे पत्थर हैं या मरहम
आँक के देखो तो ज़रा

सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

तुम्हारे आने से



वैलेंटाइन डे में पवित्रता का रँग भरिये ...



मैंने पूजा की थाली से , प्रसाद सा पाया है तुम्हें
सर माथे से लगा कर , किसी दुआ सा अपनाया है तुम्हें

गुजर रही थी जिन्दगी यूँ ही
तुम्हारे आने से , सुरूर सा आया है हमें

चेहरा तुम्हारा यूँ भी अक्सर
हथेलियों में चाँद सा नजर आया है हमें

तन्हाइयों में भी साथी तुम हो
ज़ुदा चलना तुम से , कब रास आया है हमें

फूलों की बगिया से उठ कर
कौन आया है फिजाँ में , गुरूर आया है हमें

हाथों में उम्मीदों के दिए रक्खे
इश्क लौ सा जगमगाता हुआ , नजर आया है हमें

मैंने पूजा की थाली से , प्रसाद सा पाया है तुम्हें
सर माथे से लगा कर , किसी दुआ सा अपनाया है तुम्हें

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

तुम श्याम देख लेना

अँधेरे से जब मैं गुजरूँ
तुम श्याम देख लेना
ढूँढे से भी मैं पाऊँ
जब कोई किरण कहीं ना
तुम लाज मेरी रखना

तपतीं हैं मेरी राहें
साया न सिर पे पाऊँ
जब घाम से मैं गुजरूँ
तुम लाज मेरी रखना

विरहन सी मैं भटकती
टकराती फिर रही हूँ
जब श्याम वन से गुजरूँ
तुम लाज मेरी रखना

तुझको खबर रही है
नजरों से है क्यों ओझल
इस दौर से मैं गुजरूँ
विष्वास मेरा रखना

अँधेरे से जब मैं गुजरूँ
तुम श्याम देख लेना
ढूँढे से भी मैं पाऊँ
जब कोई किरण कहीं ना
तुम लाज मेरी रखना