कोई हमें चाहता है ये ख़्याल कितना ख़ूबसूरत है
इससे अपनी दुनिया आबाद कर लेना
ये छाँव चलेगी तुम्हारे सँग-साथ
इसे मुट्ठी में क़ैद कर लेना
ये दुनिया किसी जन्नत से कम नहीं
इसके सजदे में दिन-रात शादाब कर लेना
जब भी मिलें नजरें लब पे मुस्कराहट हो
रिश्तों में ऐसी आबो-हवा रख लेना
धूप तो आनी-जानी शय है
किसी काँधे पे रख के सर, थोड़ा आराम कर लेना



