गुरुवार, 1 सितंबर 2011

महिवाल जवाब माँगे



दिल है तो कोई
गुलाब माँगे

धड़कने के बहाने
कोई ख़्वाब माँगे

आग के दरिया से
चुल्लू भर चनाब माँगे

इबारतें लिखने को
ज़ज्बा-ए-जुनूँ बेहिसाब माँगे

वक्त सदियों से
हिसाब माँगे

साहिल पे कच्चा घड़ा है
महिवाल जवाब माँगे

दिल है तो जाने
क्या क्या जनाब माँगे