सोमवार, 23 मार्च 2009

उपहार की बातें करें

कामना और प्यार के इजहार की बातें करें
लो चले आये हैं वो , उपहार की बातें करें

माँगते रहे जो हम , प्यार को दिलदार को
किस्मत के उसी दुलार की बातें करें
रात-दिन ख़्वाबों में उठते ज्वार की बातें करें

गुनगुनाता है जो मीत , मीत के उस गीत के
स्वरों की झन्कार की बातें करें
शहनाई के उस लाड़ के मधुर सँसार की बातें करें

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही प्यारा लिखा है ...जैसे
    किस्मत के उसी दुलार की बातें करें ....
    सचमुच बेहतरीन

    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

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  2. बहुत ही मधुर व कोमल भाव लिए हुए है यह गीत।
    घुघूती बासूती

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  3. बेहतरीन लिखा आपने । पढ़कर आनंदित हुए । शब्द भाव मुझे बहुत सुन्दर लगे ।

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  4. वो चले आये हैं दर पे, उनका ये उपकार है,
    ढाई आखर में छिपा, यह प्रेम का संसार है।
    बाँट लो सुख-दुख, ठहर -कर बैठ कर,
    प्यार और इजहार है, तो कामना बेकार है।।

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  5. सिर्फ बातें ही नहीं करे बल्कि वास्तव में करें

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  6. "raat-din khwaaboN mei uth`te jwaar ki
    baateiN kareiN...."

    bahut hi achhaa izhaar hai..
    khoobsurat rachnaa....
    badhaaee
    ---MUFLIS---

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मैं भी औरों की तरह , खुशफहमियों का हूँ स्वागत करती
मेरे क़दमों में भी , यही तो हैं हौसलों का दम भरतीं