तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अन्धेरे में रहे
साथ चलते हुए यूँ भी अक्सर
अजनबी भी बन जाते अपने
ये कैसे सफ़र पे हम तुम
दिन रात के फेरे से रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
दिल लगाया तो चोट खाई भी
दिल है बड़ा सयाना तो सौदाई भी
हाय अपने ही न हुए हम
गैर के खेमे में डेरे में रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
कौन चुनता है पग से काँटे
कौन बिछाता है राहों में फूल
ये किसी और ही दुनिया की बातें होंगी
हम जमीं पर इसी घेरे में रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
हम तो बरसों-बरस अन्धेरे में रहे
साथ चलते हुए यूँ भी अक्सर
अजनबी भी बन जाते अपने
ये कैसे सफ़र पे हम तुम
दिन रात के फेरे से रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
दिल लगाया तो चोट खाई भी
दिल है बड़ा सयाना तो सौदाई भी
हाय अपने ही न हुए हम
गैर के खेमे में डेरे में रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
कौन चुनता है पग से काँटे
कौन बिछाता है राहों में फूल
ये किसी और ही दुनिया की बातें होंगी
हम जमीं पर इसी घेरे में रहे
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
हम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
कौन चुनता है पग से काँटे
जवाब देंहटाएंकौन बिछाता है राहों में फूल
ये किसी और ही दुनिया की बातें होंगी ..
बहुत खोब ... सच कहा है आज को कोई भी नहीं है जो ऐसा करे किसी के साथ ... कड़वी हकीकत से रूबरू करवाती रचना ..
बहुत खूबसूरती से संजोया है भावों को... आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शारदा जी...
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंग़मगीन करते हुए जज्बाती शब्द बहुत खूब
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
जवाब देंहटाएंवाह बेहद खूबसूरत शब्द रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर भावों की सफल प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंसमग्र गत्यात्मक ज्योतिष
bahut pyari rachna....
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम दर्द व्यक्त करती ..
जवाब देंहटाएंभाव भरी रचना...
तुम मेरे हो के भी मेरे न हुए
जवाब देंहटाएंहम तो बरसों-बरस अँधेरे में रहे
वाह ... बेहतरीन प्रस्तुति।
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंशSSSSSSSSSS कोई है
कौन चुनता है पग से काँटे
जवाब देंहटाएंकौन बिछाता है राहों में फूल
ये किसी और ही दुनिया की बातें होंगी
खूबसूरत शब्द रचना...
अनुपम भाव संयोजन आज आपकी यह पोस्ट पढ़कर एक गीत याद आया
जवाब देंहटाएंहेड या टेल प्यार मूहोब्बत दिल का खेल
इस खेल में कोई है पास-कोई है पास
तो जोई है फेल... :)
समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
इक तरफ थी रोशनी,इक तरफ था अंधेरा
जवाब देंहटाएंकहीं बीच में भटकते फिरते थे हम-तुम!
बहुत खुबसूरत प्रस्तुति उम्दा ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंसुंदर नज़्म।
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