चूड़ी-बिन्दी , बिछुए-पायल
सोलह सिँगार हैं पिय के नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
१. जब से पिया तुम आये जीवन में,
पहली तीज मुझे भूले न
बाबुल से मिलने की ख़ुशी और
बिरहन के मन की वो कसक
हिरणी सा मन भटकता फिरता ,
ले कर तेरा तेरा नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
२. सावन की फुहारें ले आती हैं ,
हरियाली हर ओर कहीं
सज-धज कर हम बाट जोहते,
साँसों में है मोगरे की महक
एक पिया है लाखों में अपना ,
शान बान सब उसके नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
३. बिन्दिया चमके , चूड़ी खनके ,
कँगना बोले , अँगना डोले
मेघों की घटाएँ , जुल्फों की अदाएँ ,
अल्हड़ सी लट है भौचक
थाप हिया की बोले हर दम,
ये मौसम है उसके नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
चूड़ी-बिन्दी , बिछुए-पायल
सोलह सिँगार हैं पिय के नाम
सोलह सिँगार हैं पिय के नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
१. जब से पिया तुम आये जीवन में,
पहली तीज मुझे भूले न
बाबुल से मिलने की ख़ुशी और
बिरहन के मन की वो कसक
हिरणी सा मन भटकता फिरता ,
ले कर तेरा तेरा नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
२. सावन की फुहारें ले आती हैं ,
हरियाली हर ओर कहीं
सज-धज कर हम बाट जोहते,
साँसों में है मोगरे की महक
एक पिया है लाखों में अपना ,
शान बान सब उसके नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
३. बिन्दिया चमके , चूड़ी खनके ,
कँगना बोले , अँगना डोले
मेघों की घटाएँ , जुल्फों की अदाएँ ,
अल्हड़ सी लट है भौचक
थाप हिया की बोले हर दम,
ये मौसम है उसके नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम
चूड़ी-बिन्दी , बिछुए-पायल
सोलह सिँगार हैं पिय के नाम




19 टिप्पणियां:
एक पिया है लाखों में अपना ,
शान बान सब उसके नाम
रच गई मेहन्दी और महावर
जन्म जन्म को पिय के नाम,,,
वाह !!! लाजबाब गीत ,,,
RECENT POST : तस्वीर नही बदली
बहुत सुंदर गीत.... तीज की शुभकामनायें
सुन्दर!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
latest post नेताजी सुनिए !!!
latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!
आपकी यह रचना आज शनिवार (10-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
३. बिन्दिया चमके , चूड़ी खनके ,
कँगना बोले , अँगना डोले
मेघों की घटाएँ , जुल्फों की अदाएँ ,
अल्हड़ सी लट है भौचक
थाप हिया की बोले हर दम,
ये मौसम है उसके नाम
Bahut sundar!
अहा !! कितना सुन्दर...
मन मयूरा नाच उठा
पहली तीज कभी नहीं भूलती !
सुंदर प्रस्तुति !
अच्छी रचना
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर..
तीज पर इतनी सुन्दर कविता पढवाई आप ने,बहुत आनंद आया ...आभार!
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |
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आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 8 अगस्त 2015 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बेहतरीन रचना
१. जब से पिया तुम आये जीवन में,
पहली तीज मुझे भूले न
बाबुल से मिलने की ख़ुशी और
बिरहन के मन की वो कसक
हिरणी सा मन भटकता फिरता ,
ले कर तेरा तेरा नाम
Thanks a lot Anuradha ji
चार साल गुजर गये
Vibha ji abhi to aap comment kar parents hain , pata nahi Aisa kya hua , Mai iski settings me dekhti Hun , abhi aapki puri tippni yahan nahi aaee magar mail aaee hai .
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