दुखती रगों को हौले से हिला देती है
तन जाते हैं जब तार मन के
कैसी कैसी तानों को बजा देती है
ज़िन्दगी हो रूठी सजनी जैसे
तिरछी निगाहों से इम्तिहान लेती है
जगते बुझते हौसलों को
हवाओं से हवा देती है
कड़वे घूँटों सी दवाई उसकी
माँ की घुट्टी , घुड़की सा असर देती है
ज़िन्दगी हो रूठी सजनी जैसे
जवाब देंहटाएंतिरछी निगाहों से इम्तिहान लेती है
waah bahut sundar
First of all Wish u Very Happy New Year...
जवाब देंहटाएंSundar rachana
Regards
जिंदगी का अच्छा विश्लेषण किया हैं आपने ,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
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