हाँ चुराई है मैंने रिदम नाजिम नकवी साहिब की एक ग़ज़ल ' सूरज हाथ से फिसल गया है , आज का दिन भी निकल गया है ' की | रिदम को शायद लय या ताल कहते हैं | और चुराई है गजल के पहले शेर की सोच | ग़ज़ल थोड़ी उदास बन पड़ी है | चाहती तो मैं भी हूँ ; सबेरे , पुरवाई और चहकने की बातें लिखूं | जो इस रंग से न गुजरा , उस रंग की अहमियत क्या जाने | तन्हाई में एक तड़प की गूँज होती है और हर मिलन में एक किलकारी होती है | खैर ग़ज़ल हाजिर है |
दिन ढलते ही , अहसास आया
आज भी सूरज गुजर गया है
मेरी तरह वो भी तन्हाँ है
आग है इतनी , पिघल गया है
बहके क़दमों , मय को कोसे
हसरत सारी निगल गया है
छूटा निवाला , वक़्त के हाथों
ख्वाब तो सारा बिखर गया है
दिन दिन कर ये ,इक युग बीता
जीवन हाथ से फिसल गया है
आस सँजोये , रोज नई सी
सफर आसमाँ के निकल गया है
मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंमेरे तकनीकि ब्लॉग पर आप सादर आमंत्रित हैं
-----नयी प्रविष्टि
आपके ब्लॉग का अपना SMS चैनल बनायें
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में आपका हार्दिक स्वागत है, खूब लिखें, लगातार लिखें, शुभकामनायें…
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी सोच...कुछ अलग...
जवाब देंहटाएं"आग है इतनी , पिघल गया है"
काफ़ी सुंदर लाइन है...
- शुभकामनाएँ ...
हमारे ब्लॉग पर भी पधारें..
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंजो भी हो....जिस तरह से भी बनी हो.....ग़ज़ल वाकई अच्छी है ....सच.....!!
जवाब देंहटाएंआपकी रवनाएं बहुत अक्ष्छी हैं। इसी तरह लिखते रहे। मेरा यह प्रयस रहता है कि अच्छी रवनाएं प्रकाश में जल्दी ही आ जएं इसी लिए यह ब्लांग शुरू किया है।
जवाब देंहटाएंpls log on to
http://katha-chakra.blogspot.com
आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है
जवाब देंहटाएंbahut sunder rachana
जवाब देंहटाएंदिन दिन कर ये ,इक युग बीता
जवाब देंहटाएंजीवन हाथ से फिसल गया है
Prabhavit kiya kavita aur profile ne bhi. Swagat.
छूटा निवाला , वक़्त के हाथों
जवाब देंहटाएंख्वाब तो सारा बिखर गया है .
bahut hi sundar .
bahut achchhi gazal likhi hai apne or gazal ki bhumika bhi utni hi sundar or iimandarii se bhari.
badhaaye .
ख्वाब तो सारा बिखर गया है
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar gajal hai,lay aur taal kisi ki jageer nahi,aapki sampurna gajal nayee hai. aur haa agli bar khwab ko bikharne mat dena.
---------------------------------------"VISHAL"
आपका ब्लॉग देखा. बहुत अच्छा लगा. आपके शब्दों को नित नई ऊर्जा मिलती रहे और वे जन साधारण के सरोकारों का समर्थ और सार्थक प्रतीकन करें, यही कामना है.
जवाब देंहटाएंकभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की कृपा करें-
http:www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर.
welcome sharda ji
जवाब देंहटाएंreally wonderful blog and writing too
आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंरसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
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