गर दुःख के तराने पर थिरक सकें
१.कड़वे शब्दों को न देना दावत
इतने मर्जों से बढ़ कर और सजा क्या है
मर्जों की दवा हो जाती है
गर पग-पग घुँघरू झनक सकें
२.दुःख इम्तिहान लेता है
मीठे बोलों से बढ़ कर और दुआ क्या है
दिल साजे ग़ज़ल हो जाता है
गर दुःख की तर्ज़ पर खनक सकें
क्या दुख दवा भी बनता है? सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिखा है आपने ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंदुःख गीत ग़ज़ल हो जाता है
गर दुःख के तराने पर थिरक सकें
बेहतरीन रचना ढेरों बधाई