वो साथ नहीं आयेगा , साथ चलने का भरम होता है
भरम न हो तो ये दिल तन्हाँ होता है
दिल टूटे या सलामत रहे , भरम को साबुत रख कर
चलने की वजह बनता है
चारों ओर जो तू ही तू है , मेरी हस्ती क्या है
और बता कैसे गुमाँ बनता है
सुबहों को शामों में ढलते देख रही हूँ , दिल जला कर ही सही
मेरे हिस्से में कुछ तो उजाला होगा
भरम न हो तो ये दिल तन्हाँ होता है
दिल टूटे या सलामत रहे , भरम को साबुत रख कर
चलने की वजह बनता है
चारों ओर जो तू ही तू है , मेरी हस्ती क्या है
और बता कैसे गुमाँ बनता है
सुबहों को शामों में ढलते देख रही हूँ , दिल जला कर ही सही
मेरे हिस्से में कुछ तो उजाला होगा
भरम न हो तो ये दिल तन्हाँ होता है
जवाब देंहटाएंवाकई में आपने ये सच ही कहा है....
जीवन एक भरम है भरम में गुज़र जाता है
जवाब देंहटाएंभरम ही वो शह है जिसमें जीने का मज़ा आता है ||
सुन्दर और मर्मस्पर्शी रचना है ,बधाई ---भाभी |
जीवन एक भरम है भरम में गुज़र जाता है
जवाब देंहटाएंभरम ही वो शह है जिसमें जीने का मज़ा आता है ||
सुन्दर और मर्मस्पर्शी रचना है ,बधाई ---भाभी |
भरम सलामत हो अगर उठते रोज सवाल।
जवाब देंहटाएंभ्रमित भरम से हो कोई जीवन है जंजाल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.
भ्रम न हो तो सत्य कि खोज कौन करेगा?
जवाब देंहटाएंउजाला वास्तव में ही एक सुखद अनुभूति है.
जवाब देंहटाएंWah....
जवाब देंहटाएंaapke blog par pahli baar aana hua hai khushi yah jaankar hui ki aap apne uttarkhand se hai.... ab aapke blog par aane ka silsila jaari rahega.. yah kavita bahut achchi lagi.. shukria ..
जवाब देंहटाएंaur kabhi kabhi isi bhram ko pale hue hamari poori jindagi bhi gujar jaati hai.
जवाब देंहटाएंachchhi rachna hai.
Navnit Nirav
dil jala kar hi sahi mere hisse me kuchh to ujala hoga.....nice feelings
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी रचना है.बधाई !!!
जवाब देंहटाएं