बुधवार, 5 अगस्त 2009

रँगीन रेशमी राखी

यूँ तो डोर है रेशम सी
कच्ची नहीं , बन्धन सी
मजबूती इतनी है दुलार की
भाई बहन के प्यार की

कुदरत का नूर बरसाती
इस रास्ते भी , भाई का प्यार सी
एक आँगन में पले
जोड़ती अनूठे सँसार सी

रँगीन रेशमी डोरी
दुआओं का बोलता भण्डार सी
और कलाई पर सजी
रक्षा का वचन उपहार सी


9 टिप्‍पणियां:

  1. शारदा जी,बहुत सुन्दर रचना है बधाई।

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  2. रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामना.

    बहुत सुन्दर रचना.

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  3. सुन्दर!!

    रक्षा बंधन के पावन पर्व की शुभकामनाऐं.

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  4. bahut pyaari rachnaa
    bilkul bahana si bholi aur masoom rachnaa
    is rachnaa ko rakshaabandhan ki badhaai !

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  5. रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
    विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!

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  6. रँगीन रेशमी डोरी
    दुआओं का बोलता भण्डार सी
    और कलाई पर सजी
    रक्षा का वचन उपहार सी
    बहुत सुन्दर।
    रक्षा बंधन की शुभकामनाऐँ।

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  7. रँगीन रेशमी डोरी
    दुआओं का बोलता भण्डार सी
    और कलाई पर सजी
    रक्षा का वचन उपहार सी
    बहुत सुन्दर शुभकामनायें

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  8. कलाई पर सजी
    रक्षा का वचन उपहार सी

    बहुत ही सुन्‍दर रचना बधाई ।

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  9. बहुत ही सुन्‍दर रचना..क्षमा करें कल नहीं पढ़ पाई

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मैं भी औरों की तरह , खुशफहमियों का हूँ स्वागत करती
मेरे क़दमों में भी , यही तो हैं हौसलों का दम भरतीं