मेरा क्या है , वो तेरे जख्मों को छेड़ जायेगी
बाद मुद्दत के सही , पुरवाई तो चली
थाम लम्हों को , किस्मत तो सँवर जायेगी
मोड़ तो आते हैं , सफर में भी कई
रुक गए तो , तन्हाई भी ठहर जायेगी
भूलता कोई नहीं , रहे अन्जान बेशक
बातों-बातों में , थोड़ी तबियत तो बहल जायेगी
मोड़ तो आते हैं , सफर में भी कई
जवाब देंहटाएंरुक गए तो , तन्हाई भी ठहर जायेगी
भूलता कोई नहीं , रहे अन्जान बेशक
बातों-बातों में , थोड़ी तबियत तो बहल जायेगी
Ati Sundar !
बहुत ही सुंदर भाव हैं।
जवाब देंहटाएंबधाई।
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सांसद/विधायक की बात की तनख्वाह लेते हैं?
अंधविश्वास से जूझे बिना नारीवाद कैसे सफल होगा ?
मैं वो बात नहीं छेड़ूँगी , वो तेरा दिल दुखायेगी
जवाब देंहटाएंमेरा क्या है , वो तेरे जख्मों को छेड़ जायेगी...
बहुत अछा शेर है ......... ऐसी बात क्या करनी जो किसी का दिल दुखाए ......
पूरी ग़ज़ल लाजवाब आयी ......
मुझे तो ये शेर सबसे ज्यादा पसंद आया है....
जवाब देंहटाएंबाद मुद्दत के सही पुरवाई तो चली
थाम लम्हों को किस्मत तो संवर जायेगी
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
ये पंक्तियाँ बड़ी सुन्दर बन गयी है ...
जवाब देंहटाएं'' मोड़ तो आते हैं , सफर में भी कई
रुक गए तो , तन्हाई भी ठहर जायेगी ''
सहज अउर प्रभावमय ...
............. आभार .................
मोड़ तो आते हैं , सफर में भी कई
जवाब देंहटाएंरुक गए तो , तन्हाई भी ठहर जायेगी
bahut khoob, badhaai.
मोड़ तो आते हैं , सफर में भी कई
जवाब देंहटाएंरुक गए तो , तन्हाई भी ठहर जायेगी
बहुत सुन्दर रचना.
मैं वो बात नहीं छेड़ूँगी , वो तेरा दिल दुखायेगी
जवाब देंहटाएंमेरा क्या है , वो तेरे जख्मों को छेड़ जायेगी...
saral sabdon mein sundar bhavon ko piroya hai aapne, badhai
भूलता कोई नहीं , रहे अन्जान बेशक
जवाब देंहटाएंबातों-बातों में , थोड़ी तबियत तो बहल जायेगी
... बहुत खूब !!!!
बहुत ही अच्छी कविता लिखी है
जवाब देंहटाएंआपने काबिलेतारीफ बेहतरीन
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com