शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

तेरे आने से

तेरे काँधे पे रखूँ सर और
जिन्दगी साजे-ग़ज़ल हो जाये

जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
किन्हीं दुआओं का फल हो जाये

यूँ ही कहते नहीं आफताब तुम्हें
तेरी आँखों की चमक मेरा नूरे-महल हो जाये

जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये

कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये

किसने देखा शम्मा को बूँद बूँद मिटते हुए
जल के परवाना अमर हो जाये

20 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
किन्हीं दुआओं का फल हो जाये
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।

vandana gupta ने कहा…

आपकी पोस्ट कल(3-7-11) यहाँ भी होगी
नयी-पुरानी हलचल

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये

बहुत सुंदर रचना

Sunil Kumar ने कहा…

कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये
बहुत खुबसूरत शेर मुबारक हो

Vivek Jain ने कहा…

बहुत सुंदर रचना ,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Amit Chandra ने कहा…

बहुत खुब। शानदार रचना। आभार।

Shalini kaushik ने कहा…

जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये
bahut shandar prastuti.badhai.

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत सुंदर नज़्म।

kshama ने कहा…

जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये

कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये

किसने देखा शम्मा को बूँद बूँद मिटते हुए
जल के परवाना अमर हो जाये
Har lafz chuninda! Har pankti behtareen!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये

सुंदर अभिव्यक्ति.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत गज़ल ..

mridula pradhan ने कहा…

bahut achchi lagi......

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
किन्हीं दुआओं का फल हो जाये

बहुत बढ़िया शेर...

Roshi ने कहा…

aaj pehli baar aapke blog per ayee hoon ....
sabhi rachnayein sunder hai

Rakesh Kumar ने कहा…

जिन्दगी कड़वी नहीं मीठी सी
किन्हीं दुआओं का फल हो जाये

आपकी सुन्दर भावाभिव्यक्ति से मन प्रसन्न हो गया.
आपकी लेखनी प्यार का मीठापन घोले,यही दुआ है.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका स्वागत है.

poonam ने कहा…

ati sundar

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत खूब...अच्छी रचना
नीरज

amrendra "amar" ने कहा…

जिन्दगी यूँ भी बहुत मुश्किल थी
तेरे आने से बहारों को खबर हो जाये

कैसे कह दूँ के है इन्तिज़ार नहीं
तेरी साँसों की महक जिन्दगी का सबब हो जाये

bahut sunder rachna.............

विशाल सिंह (Vishaal Singh) ने कहा…

ग़ज़ल लिखने की लाजवाब प्रेरणा मिली है आपको शारदा जी,
तेरे काँधे पे रखूँ सर और
जिन्दगी साजे-ग़ज़ल हो जाये
क्या बात है, बहुत अच्छी लाइन बन पड़ी है ये...

Vivek Jain ने कहा…

क्या बात है,अच्छी रचना,

आभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com