आह में दम हो तो असर होता है
सीना हो नम तो ज़िगर होता है
शिकवे-शिकायत भला किसको नहीं
बात में दम हो तो असर होता है
जाने किस दौड़ में हुआ शामिल
ठहर गया तो शज़र होता है
वक्त की नज़र है बड़ी टेढ़ी
चाल में ख़म हो तो किधर होता है
टूटी कड़ियाँ भी जुड़ जातीं
चाह में दम हो तो गुज़र होता है
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
उम्मीद में कोई मगर होता है
सीना हो नम तो ज़िगर होता है
शिकवे-शिकायत भला किसको नहीं
बात में दम हो तो असर होता है
जाने किस दौड़ में हुआ शामिल
ठहर गया तो शज़र होता है
वक्त की नज़र है बड़ी टेढ़ी
चाल में ख़म हो तो किधर होता है
टूटी कड़ियाँ भी जुड़ जातीं
चाह में दम हो तो गुज़र होता है
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
उम्मीद में कोई मगर होता है
चाह में दम है तो
जवाब देंहटाएंहर बात में असर होता है..
वाह||
बहुत बढ़िया गजल....
:-)
वाह क्या बात खास कर ये पंक्तियाँ तो बस लाजवाब हैं. मज़ा आ गया उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंटूटी कड़ियाँ भी जुड़ जातीं
चाह में दम हो तो गुज़र होता है
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
उम्मीद में कोई मगर होता है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
शिकवे-शिकायत भला किसको नहीं
जवाब देंहटाएंबात में दम हो तो असर होता है ..
ये पंक्तियाँ तो बस लाजवाब हैं, बहुत बढ़िया गजल
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
जवाब देंहटाएंउम्मीद में कोई मगर होता है ... बहुत सुन्दर रचना ...