तुम इस तरह आओ के मँगल कलश छलके
मेरे घर में ख़ुशी ही ख़ुशी चहके
ताउम्र रहे साथ तुम्हारे मेरा प्यार
मेरी दुआओं का असर बन के
हर तरफ हो सितारों का मेला
तुम्हारी हँसी झन्कार सी खनके
वफ़ा के रँग ने नवाज़ा है तुम्हें
तुम्हारे चारों तरफ कोई फ़िज़ाँ महके
आज का दिन मुबारक हो तुम्हें
नन्हीं परी सी आईं थीं तुम खुशियाँ ही खुशियाँ ले के




4 टिप्पणियां:
शुभकामनाएं नन्हीं परी के जन्मदिन पर।
Ye maine apni daughter-in-law ke liye likhi hai ... shukriya
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 29 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जी नन्ही परी सी आई थी जो :)
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