हिन्दयुग्म से बैरंग लौटी मेरी रचना ,...
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
रोये बहुत थे हम मगर , चाहत को सुला दिया
भारी पड़ता है इश्क तो गमे-रोज़गार पर
न हवा निवाला बनती , क्या पी के जी रहते
उतरे जो हम जमीं पर , टुकड़ों ने सिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
दबी सी हैं चिंगारियाँ कुछ राख के तले
न हवा कभी चलती , न कभी वो लपटें उठतीं
होती जो कभी आहट , उसने ही क्या कुछ हिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
अश्कों में ढला गम तो गीतों में सज गया
जब कुछ न रहा बाकी , तो कुछ बन के आ गया
लो इसने आज भी , जीने की वजह से मिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
ढूँढा बहुत तुझे ऐ दोस्त अपनों के लग गले
तुझे कुछ सुनाई नहीं देता , तन्हाई में भी कितना शोर पले
मर्जी उसकी है , वक़्त से हाथ मिला लिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
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जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
रोये बहुत थे हम मगर , चाहत को सुला दिया
भारी पड़ता है इश्क तो गमे-रोज़गार पर
न हवा निवाला बनती , क्या पी के जी रहते
उतरे जो हम जमीं पर , टुकड़ों ने सिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
दबी सी हैं चिंगारियाँ कुछ राख के तले
न हवा कभी चलती , न कभी वो लपटें उठतीं
होती जो कभी आहट , उसने ही क्या कुछ हिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
अश्कों में ढला गम तो गीतों में सज गया
जब कुछ न रहा बाकी , तो कुछ बन के आ गया
लो इसने आज भी , जीने की वजह से मिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
ढूँढा बहुत तुझे ऐ दोस्त अपनों के लग गले
तुझे कुछ सुनाई नहीं देता , तन्हाई में भी कितना शोर पले
मर्जी उसकी है , वक़्त से हाथ मिला लिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
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शानदार पोस्ट है...
जवाब देंहटाएंजीने की आरजू ने हर गम भुला दिया.......सटीक
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंbahut sunder abhivykti...
जवाब देंहटाएंsundar rachnaa
जवाब देंहटाएंअश्कों में ढला गम तो गीतों में सज गया
जवाब देंहटाएंजब कुछ न रहा बाकी , तो कुछ बन के आ गया
लो इसने आज भी , जीने की वजह से मिला दिया
जीने की आरजू ने हर गम भुला दिया
Yah aarzoo sada bani rahe!Jeene kee wajah sada milti rahe! Ameen!
bahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंshabdo ka chayan ati sundar
जवाब देंहटाएंआपकी लेखनी में दम है । कहीं कहीं शब्द कम ज्यादा होने से छंद गडबड हो रहा है । पर बहुत सुंदर कविता ।
जवाब देंहटाएंमिसेज जोगलेकर ,
जवाब देंहटाएंजैसे फ़िल्मी गीत लिखे जाते हैं , बस कुछ उसी अन्दाज़ में मैंने इस गीत को गाते गाते लिखा था , अब इसे आप मेरी आवाज़ में मेरे ब्लॉग पर सुन सकती हैं । आप चाहें तो प्रतिक्रिया दे सकती हैं ...पिछली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद