लो चले आये हैं वो , उपहार की बातें करें
१ माँगते रहे जो हम , प्यार को दिलदार को
किस्मत के उसी दुलार की बातें करें
रात-दिन ख़्वाबों में उठते ज्वार की बातें करें
२ गुनगुनाता है जो मीत , मीत के उस गीत के
स्वरों की झन्कार की बातें करें
शहनाई के उस लाड़ के मधुर सँसार की बातें करें




8 टिप्पणियां:
बहुत ही प्यारा लिखा है ...जैसे
किस्मत के उसी दुलार की बातें करें ....
सचमुच बेहतरीन
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
bahut khubsurat geet.
बहुत ही मधुर व कोमल भाव लिए हुए है यह गीत।
घुघूती बासूती
बेहतरीन लिखा आपने । पढ़कर आनंदित हुए । शब्द भाव मुझे बहुत सुन्दर लगे ।
वो चले आये हैं दर पे, उनका ये उपकार है,
ढाई आखर में छिपा, यह प्रेम का संसार है।
बाँट लो सुख-दुख, ठहर -कर बैठ कर,
प्यार और इजहार है, तो कामना बेकार है।।
बहुत बढिया लिखा है ...
सिर्फ बातें ही नहीं करे बल्कि वास्तव में करें
"raat-din khwaaboN mei uth`te jwaar ki
baateiN kareiN...."
bahut hi achhaa izhaar hai..
khoobsurat rachnaa....
badhaaee
---MUFLIS---
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