आह में दम हो तो असर होता है
सीना हो नम तो ज़िगर होता है
शिकवे-शिकायत भला किसको नहीं
बात में दम हो तो असर होता है
जाने किस दौड़ में हुआ शामिल
ठहर गया तो शज़र होता है
वक्त की नज़र है बड़ी टेढ़ी
चाल में ख़म हो तो किधर होता है
टूटी कड़ियाँ भी जुड़ जातीं
चाह में दम हो तो गुज़र होता है
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
उम्मीद में कोई मगर होता है
सीना हो नम तो ज़िगर होता है
शिकवे-शिकायत भला किसको नहीं
बात में दम हो तो असर होता है
जाने किस दौड़ में हुआ शामिल
ठहर गया तो शज़र होता है
वक्त की नज़र है बड़ी टेढ़ी
चाल में ख़म हो तो किधर होता है
टूटी कड़ियाँ भी जुड़ जातीं
चाह में दम हो तो गुज़र होता है
लाख कह ले के इन्तिज़ार नहीं
उम्मीद में कोई मगर होता है