वक़्त हमें क्या देगा
क्या किस्मत जो बदल देगा
वीरानियों ने पूछा है
क्या कोई गुमाँ है जो बचपन देगा
जहान तो है इक बाज़ार ही
खोटे सिक्के सा तुझे पलट देगा
दर्द जैसे जागता है हर सीजन
चोट को कोई क्या भुला देगा
वो मेरी जड़ें खोद रहा है
ये गम ही मुझे कज़ा देगा
बड़ी मामूली सी हैं ख्वाहिशें मेरी
आसमान मुझे कोई क्या देगा
वक़्त से भिड़ जाना आसान नहीं है
फ़ना होगा या सँवर जायेगा ,
देखा जायेगा जो भी बदा होगा
कज़ा -मौत
क्या किस्मत जो बदल देगा
वीरानियों ने पूछा है
क्या कोई गुमाँ है जो बचपन देगा
जहान तो है इक बाज़ार ही
खोटे सिक्के सा तुझे पलट देगा
दर्द जैसे जागता है हर सीजन
चोट को कोई क्या भुला देगा
वो मेरी जड़ें खोद रहा है
ये गम ही मुझे कज़ा देगा
बड़ी मामूली सी हैं ख्वाहिशें मेरी
आसमान मुझे कोई क्या देगा
वक़्त से भिड़ जाना आसान नहीं है
फ़ना होगा या सँवर जायेगा ,
देखा जायेगा जो भी बदा होगा
कज़ा -मौत