चरागों से सीखें जलने का सबक़
दिलों के बुझने का भी तो सबब जानें
ये जल तो लेते हैं एक दूसरे से
अन्धेरा अपनी तली का न पहचानें
परवाह करते हैं सिर्फ अपनी ही नमी की
दूसरा चुक रहा है ये हैं अन्जाने
चरागे-दिल से रौशन होती दुनिया
स्याह रातों का खुदा ही जाने
कितनी आँखों में बुझ बुझ जला है जो
वो आरती का दिया दुनिया माने
मनों अँधेरा खदेड़ते नन्हें से चिराग
दिवाली की रात पूनम सी इतराती जानें
दिलों के बुझने का भी तो सबब जानें
ये जल तो लेते हैं एक दूसरे से
अन्धेरा अपनी तली का न पहचानें
परवाह करते हैं सिर्फ अपनी ही नमी की
दूसरा चुक रहा है ये हैं अन्जाने
चरागे-दिल से रौशन होती दुनिया
स्याह रातों का खुदा ही जाने
कितनी आँखों में बुझ बुझ जला है जो
वो आरती का दिया दुनिया माने
मनों अँधेरा खदेड़ते नन्हें से चिराग
दिवाली की रात पूनम सी इतराती जानें