प्यार इज़हार माँगता है ,
और बार बार माँगता है
जीने की वजह बनता है ,
इसीलिए तो इकरार माँगता है
ख़ुशी भी छलकती है ,
और ग़म भी झलकता है
वो जो आँखों से बयाँ होता है ,
दिल वही सुनने को तरसता है
तुम जो हो आस पास तो ,
हम हो जाते हैं बेफिक्रे
दिल के टुकड़ों को कोई कैसे समझाये
दिल हो साबुत तब ही तो धड़कता है
और बार बार माँगता है
जीने की वजह बनता है ,
इसीलिए तो इकरार माँगता है
ख़ुशी भी छलकती है ,
और ग़म भी झलकता है
वो जो आँखों से बयाँ होता है ,
दिल वही सुनने को तरसता है
तुम जो हो आस पास तो ,
हम हो जाते हैं बेफिक्रे
दिल के टुकड़ों को कोई कैसे समझाये
दिल हो साबुत तब ही तो धड़कता है