सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

इक धूप सी जमी है


इक धूप सी जमी है निगाहों के आस-पास 
गर ये आप हैं तो आपके कुर्बान जाइये 

आ ही गये हैं हम भी सितारों के देश में 
पलकों पे रखे ख़्वाब हैं,इनमें ही आप जरा आन मुस्कराइये 

शुरुआत थी इतनी हँसीं ,अन्जाम की खबर किसे 
दिलवालों की दुनिया में फ़ना होने का हुनर जान जाइये 

यूँ तो अक्सर सताते ही रहते हैं हमें आप 
दिल फिर भी चाहता है कि आँखों के आगे आप रहें ,मान जाइये 

अहमियत कितनी है किसी की ,ये कौन जानता 
ये फासलों की तालीम है ,जिगर के पास कौन है ,पहचान जाइये