हम सब हैं किताब , पढ़ने वाला न मिला
या खुदा ऐसा भी कोई ,चाहने वाला न मिला
हाथ में हाथ लिये चलते रहे हम यूँ ही
दूर तक कोई भी साथ निभाने वाला न मिला
चलती रहती है सारी दुनिया यूँ तो दिल से
फिर भी कोई पलकों पे बिठाने वाला न मिला
गुनगुनाने के लिये चाहिये कोई तो फिजाँ
वफ़ा के गीत कोई भी सुनाने वाला न मिला
चाहिये ज़िन्दगी को कोई न कोई तो वजह
बहाना कोई भी हमको चलाने वाला न मिला
या खुदा ऐसा भी कोई ,चाहने वाला न मिला
हाथ में हाथ लिये चलते रहे हम यूँ ही
दूर तक कोई भी साथ निभाने वाला न मिला
चलती रहती है सारी दुनिया यूँ तो दिल से
फिर भी कोई पलकों पे बिठाने वाला न मिला
गुनगुनाने के लिये चाहिये कोई तो फिजाँ
वफ़ा के गीत कोई भी सुनाने वाला न मिला
चाहिये ज़िन्दगी को कोई न कोई तो वजह
बहाना कोई भी हमको चलाने वाला न मिला