चन्दा तेरा रूप पिऊँ क्या
दूर तू है तेरा साथ जिऊँ क्या
तू तन्हा दिन रात चला है
तेरी पीड़ है मुझसे जुदा क्या
मेरी आँख का आँसू चुप है
और भला खामोश सदा क्या
साथ साथ चलते हैं हम तुम
कितने साबुत और बचा क्या
तेरी मुसाफिरी बनी रहे
मेरा क्या है माँगूं क्या
मेरे गीतों में तू ही तू
ऐसा अपना नेह है क्या
दूर से दिखते मिलते हुए
धरती-अम्बर कभी मिले हैं क्या
पी लूँ चाँदनी चुल्लू भर
सफ़र में थोड़ा आराम क्या
सहराँ भी ले लेता दम-ख़म
तू भी बता, तेरी मर्जी क्या
मेरी आवाज में सुन सकते हैं _
kitne sabut aur bacha kya.ogg1328K Download
दूर तू है तेरा साथ जिऊँ क्या
तू तन्हा दिन रात चला है
तेरी पीड़ है मुझसे जुदा क्या
मेरी आँख का आँसू चुप है
और भला खामोश सदा क्या
साथ साथ चलते हैं हम तुम
कितने साबुत और बचा क्या
तेरी मुसाफिरी बनी रहे
मेरा क्या है माँगूं क्या
मेरे गीतों में तू ही तू
ऐसा अपना नेह है क्या
दूर से दिखते मिलते हुए
धरती-अम्बर कभी मिले हैं क्या
पी लूँ चाँदनी चुल्लू भर
सफ़र में थोड़ा आराम क्या
सहराँ भी ले लेता दम-ख़म
तू भी बता, तेरी मर्जी क्या
मेरी आवाज में सुन सकते हैं _
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