काँटों पे सोना पड़ा
फूलों को रोना पड़ा
दिल की लगी देखो
नींदों को खोना पड़ा
सफर लम्हों का है
सदियों को ढोना पड़ा
दीदारे-खुदा के लिये
हस्ती को खोना पड़ा
जन्मों का मैला मन
असुँअन से धोना पड़ा
गँगा की पावन लहर
आस का दोना पड़ा
किसकी हथेली पे जाँ
बुत किसे होना पड़ा
फूलों को रोना पड़ा
दिल की लगी देखो
नींदों को खोना पड़ा
सफर लम्हों का है
सदियों को ढोना पड़ा
दीदारे-खुदा के लिये
हस्ती को खोना पड़ा
जन्मों का मैला मन
असुँअन से धोना पड़ा
गँगा की पावन लहर
आस का दोना पड़ा
किसकी हथेली पे जाँ
बुत किसे होना पड़ा