सफ़र में कोई आड़ ही सही
टिमटिमाती लौ की सँभाल ही सही
चढ़ा जो आसमाँ में है
अपना ख्याल ही सही
मन लगाने के लिए
किसी राग का धमाल ही सही
हो आँख में आँसू तो
हाथ में रुमाल ही सही
न हुई ईद तो क्या
रोज़े की मिसाल ही सही
मिटा डालेगी नमी अपनी
बार बार सवाल ही सही
टिमटिमाती लौ की सँभाल ही सही
चढ़ा जो आसमाँ में है
अपना ख्याल ही सही
मन लगाने के लिए
किसी राग का धमाल ही सही
हो आँख में आँसू तो
हाथ में रुमाल ही सही
न हुई ईद तो क्या
रोज़े की मिसाल ही सही
मिटा डालेगी नमी अपनी
बार बार सवाल ही सही