सुरुरों ने आ लिखा है
ये बात कह रही है
बरसों से दुनिया सारी
जुनूनों ने आ लिखा है
धड़कन ये कह रही है
उसकी जुबाँ नहीं है
बेजुबानों ने आ लिखा है
जन्मों से चल रहा है
जिसे देख के हैं चलते
उन्हीं रँगों ने आ लिखा है
अपनी खता नहीं है
तुम्हें पा के हम जो खिलते
कुसूरों ने आ लिखा है
मैंने लिखा नहीं है
सुरुरों ने आ लिखा है