तूफाँ के साथ बहना
मुश्किल है मुश्किल में
लहरों को यूँ गिनना
डूबेगा ख़ुद ही तो
अर्जी है भँवर की ये
समँदर की मौजे हैं
किनारे छू के मुस्करायें
मचलें हैं लहरें तो
चंदा से मिलने को
बेशक उनकी भी तो
हर आस अधूरी है
कुछ भी छूटे या रूठे
मौजों के साथ बहना
तरंगें ही जीवन है
हर पल है यही कहना