बुधवार, 4 अगस्त 2010

ख्याल जिन्दा है

बुत बने बैठे हैं मगर जिन्दा हैं
झाँक के देखा है अन्दर कोई शर्मिन्दा है

भलमन-साहत को नासमझी समझ लेते हैं लोग
भटकना मुश्किल है जमीर जिन्दा है

उठ गया कारवाँ साथ हसरतों के ही
सो गया सब कुछ गुबार जिन्दा है

घड़ी की तरह चलती हैं धडकनें
रुकी नहीं हैं सामान जिन्दा है

मन्दिर-मस्जिद भी गए , वो बोलता ही नहीं
ज़माने में मगर उसका करम जिन्दा है

कहाँ से लाऊँ बुतों की बस्ती में खुदा
तलाश जारी है , ख्याल जिन्दा है

19 टिप्‍पणियां:

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

कित्ती प्यारी ग़ज़ल...बधाई.
________________________
'पाखी की दुनिया' में 'लाल-लाल तुम बन जाओगे...'

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

मन्दिर-मस्जिद भी गए , वो बोलता ही नहीं
ज़माने में मगर उसका करम जिन्दा है

बहुत गहरी बात ....इन्सान मर जाता है उसके करम जिन्दा रहते हैं ....

आपको तो हिंद युग्म से पढ़ती आ रही हूँ शारदा जी ....पर इधर आ ही नहीं पाई .....

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढिया गजल हैं बधाई।

मन्दिर-मस्जिद भी गए , वो बोलता ही नहीं
ज़माने में मगर उसका करम जिन्दा है

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

ग़ज़ल के सभी शेर शानदार...
और हां......
उठ गया कारवाँ साथ हसरतों के ही
सो गया सब कुछ गुबार जिन्दा है
ये शेर हुआ हमारी पसंद.

ज्योति सिंह ने कहा…

कहाँ से लाऊँ बुतों की बस्ती में खुदा
तलाश जारी है , ख्याल जिन्दा है
बहुत ही खूबसूरत गज़ल .

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

शारदा जी आपके लिए कुछ खास लिखा है चर्चा मंच पर...जरूर आइयेगा...और जानिए खुद को..

आप की रचना 06 अगस्त, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
http://charchamanch.blogspot.com

आभार

अनामिका

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

कहाँ से लाऊँ बुतों की बस्ती में खुदा
तलाश जारी है , ख्याल जिन्दा है
--
गजल के सभी शेर बहुत ही अच्छे हैं

Ashish (Ashu) ने कहा…

सुन्दर भावों से भरी हुयी........है आपकी गजल .

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत गहरे भाव लिए गजल |मन को छू गई |
आशा

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बहुत बढिया गजल हैं बधाई।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत गज़ल

shikha varshney ने कहा…

कहाँ से लाऊँ बुतों की बस्ती में खुदा
तलाश जारी है , ख्याल जिन्दा है
बहुत खूबसूरत.

Avinash Chandra ने कहा…

khushfahmee nahi...wakai bahut hi sundar likha hai aapne :)

vandana gupta ने कहा…

आपकी इस गज़ल के लिये तो मुझे शब्द नही मिल रहे………………हर शेर झकझोर देने को मजबूर करता है…………………निहायत ही उम्दा और प्रेरक्।

Coral ने कहा…

बहुत सुन्दर गज़ल है आप कि !

suFiCat ने कहा…

mam apki gazal har ek ko sochne pe majboor kar degi ...sirf lafj nahi unki gahrai bhi hai

thank's mam
main bhi apni galtiyon ka sudhar karoonga

Shailesh Pandey ने कहा…

बहुत ही अच्छी ग़ज़ल ........
वैसे तो किसी एक शेर की तारीफ़ करना मुनासिब नहीं लगता क्योंकि सभी एक से एक हैं ..
कहाँ से लाऊँ बुतों की बस्ती में खुदा
तलाश जारी है , ख्याल जिन्दा है
ये शेर तो लाज़वाब है ......

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

bahut hee sundar gajal ..

बेनामी ने कहा…

wah ! bahut hi khoob..
talaash jaari hai, khayal jinda hai.. Wah!

Meri Nayi Kavita Padne Ke Liye Blog Par Swaagat hai aapka......

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