शुक्रवार, 25 मार्च 2011

सिपह-सालार नहीं हिलता

गैर के खेमे में
अपना कोई वश नहीं चलता

हजार बातेँ हैं
दिल कहीं नहीं लगता

नन्हा कोई पौधा
मिट्टी की कोख में पलता

अच्छे होने की निशानी क्या है
साथ कोई नहीं चलता

साथ चलने से दब जाएगा वजूद
अना का कोई किनारा नहीं मिलता

इम्तिहान है ज़िन्दगी
नतीजा कुछ भी मिलता

हौसला है तो जँग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता

20 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

इम्तिहान है ज़िन्दगी
नतीजा कुछ भी मिलता


अच्छे होने की निशानी क्या है
साथ कोई नहीं चलता

बहुत सटीक शारदा जी..... बेहतरीन पंक्तियाँ

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

'हौसला है तो जंग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता '
**********************************
सुन्दर भावों की अच्छी रचना

Arshad Ali ने कहा…

sharda jee,
bahut achchi rachna ..badhai

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सारी बातें सटीक...खूबसूरत गज़ल

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

हौसला है तो जँग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता
prerna dayak..dil ki gahraee se nikli hui..:)

बेनामी ने कहा…

शारदा जी,

बहुत सटीक अभिव्यक्ति है...कुछ अलग सा.....प्रशंसनीय ....

यहाँ 'नतीजा कुछ भी मिलता' में शायद आप 'नहीं' लिखना भूल गयीं हैं |

Sunil Kumar ने कहा…

इम्तिहान है ज़िन्दगी
नतीजा कुछ भी मिलता
लेकिन हम है जान कर भी अनजान बने है सारगर्भित रचना , आभार

शारदा अरोरा ने कहा…

नहीं इमरान जी मैनें इसे ..नतीजा कुछ भी मिलता...ही लिखा है ..ज़रा कुछ भी पर स्ट्रेस डाल कर पढ़िए ...नतीजा अच्छा भी मिल सकता है और हमारी चाह के उलट भी ...यानि कुछ भी ...सब टिप्पणी कर्ताओं का बहुत बहुत धन्यवाद ...

Amit Chandra ने कहा…

हौसला है तो जँग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता

बिल्कुल सही कहा है आपने। जिदंगी भी तो हमें यही सिखाती है।

संध्या शर्मा ने कहा…

हौसला है तो जँग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता

बिल्कुल सही कहा है आपने...सारगर्भित रचना....आभार

devendra gautam ने कहा…

सार्थक भावों से युक्त बेहतरीन रचना.......बधाई!
----देवेंद्र गौतम

kshama ने कहा…

Bahut hee khoobsoorat hai rachana! Chhoti-si phirbhee kitnee gaharee!

केवल राम ने कहा…

इम्तिहान है ज़िन्दगी
नतीजा कुछ भी मिलता


यही तो जिन्दगी का फलसफा है , यहाँ पर सिर्फ इम्तिहान ही होते हैं ..अनुभव ही होते हैं ...और इसी तरह जिन्दगी गुजर जाती है ..आपका आभार

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा!

रचना दीक्षित ने कहा…

इम्तिहान है ज़िन्दगी
नतीजा कुछ भी मिलता

हौसला है तो जँग जीती सी
इसी दम पे सिपह-सालार नहीं हिलता.

खूबसूरत गज़ल.

आकर्षण गिरि ने कहा…

bahut pyari si hai ye ghazal...


साथ चलने से दब जाएगा वजूद
अना का कोई किनारा नहीं मिलता

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

अच्छे होने की निशानी क्या है
साथ कोई नहीं चलता

सुंदर भाव, सुंदर पंक्तियां।

kavita verma ने कहा…

अच्छे होने की निशानी क्या है
साथ कोई नहीं चलता har insan bheed me bhi akela hai...

नीरज गोस्वामी ने कहा…

अच्छे होने की निशानी क्या है
साथ कोई नहीं चलता

वाह वाह वाह...बेजोड़ रचना...बधाई स्वीकारें

नीरज

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

साथ चलने से दब जाएगा वजूद
अना का कोई किनारा नहीं मिलता

क्या बात है .....!!