शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

तुम श्याम देख लेना

अँधेरे से जब मैं गुजरूँ
तुम श्याम देख लेना
ढूँढे से भी मैं पाऊँ
जब कोई किरण कहीं ना
तुम लाज मेरी रखना

तपतीं हैं मेरी राहें
साया न सिर पे पाऊँ
जब घाम से मैं गुजरूँ
तुम लाज मेरी रखना

विरहन सी मैं भटकती
टकराती फिर रही हूँ
जब श्याम वन से गुजरूँ
तुम लाज मेरी रखना

तुझको खबर रही है
नजरों से है क्यों ओझल
इस दौर से मैं गुजरूँ
विष्वास मेरा रखना

अँधेरे से जब मैं गुजरूँ
तुम श्याम देख लेना
ढूँढे से भी मैं पाऊँ
जब कोई किरण कहीं ना
तुम लाज मेरी रखना

12 टिप्‍पणियां:

vidya ने कहा…

कान्हा किसी को निराश नहीं करते...
बहुत सुन्दर गुज़ारिश...

kshama ने कहा…

विरहन सी मैं भटकती
टकराती फिर रही हूँ
जब श्याम वन से गुजरूँ
तुम लाज मेरी रखना

तुझको खबर रही है
नजरों से है क्यों ओझल
इस दौर से मैं गुजरूँ
विष्वास मेरा रखना
Bas ek wah!
Comment box nahee khul raha isliye yahan likh rahee hun! Maaf karen!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर प्रार्थना कृष्ण से........

Rajesh Kumari ने कहा…

sundar geet.

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव भरी प्रार्थना।

Aditya ने कहा…

//तुझको खबर रही है
नजरों से है क्यों ओझल
इस दौर से मैं गुजरूँ
विष्वास मेरा रखना

bahut sundar..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!

रचना दीक्षित ने कहा…

अँधेरे से जब मैं गुजरूँ
तुम श्याम देख लेना
ढूँढे से भी मैं पाऊँ
जब कोई किरण कहीं ना
तुम लाज मेरी रखना.

अब इस तरह की याचना ही कल्याण कर सकती है.
सुंदर प्रस्तुति. बधाई.

shyam gupta ने कहा…

----आमीन ...प्रभु क्रपा करें कि श्याम सबकी लाज़ बचायें...

S.N SHUKLA ने कहा…

बहुत सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति .

मैं आपके ब्लॉग को फालो कर चुका हूँ, अपेक्षा करता हूँ कि आप मेरे ब्लॉग"MERI KAVITAYEN" पर पधारकर मुझे भी अपना स्नेह प्रदान करेंगे .

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति । धन्यवाद ।

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा अभिव्यक्ति!!