रविवार, 4 दिसंबर 2016

इक बेहतर कल का निर्माण चल रहा है

ये देश बदल रहा है , इतिहास रच रहा है 
गाँधी के सपनों का भारत , करवट बदल रहा है 

थोड़ी सी कस है खानी , थोड़ी सी परेशानी 
अपने हितों से बढ़ कर , पहचानो है देश प्यारा 
आओ हम आहुति दें , इक बेहतर कल का निर्माण चल रहा है 
ये देश बदल रहा है 

उग्रवाद , कालाबाजारी और जाली नोटों का धन्धा 
कर रहे थे प्रहार नींव पर ही ,भ्रष्टाचार से त्रस्त थे 
विमुद्रीकरण ही हल था , काला धन निकल रहा है 
ये देश बदल रहा है 

अब न पसारे हाथ कोई , न हों भूखे बच्चे गली-गली 
ओत-प्रोत हो मानवता , अच्छे दिनों का आगाज़ 
इक उजली सी  सुबह का सूरज निकल रहा है 
ये देश बदल  रहा है 

8 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-12-2016) को "देश बदल रहा है..." (चर्चा अंक-2548) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

दिगम्बर नासवा ने कहा…

देश बदल रहा है और हम्म्भी इसका साक्षी होना चाहिते हैं ...

शारदा अरोरा ने कहा…

charcha me shamil karne ka bahut bahut shukriya Shastri ji.

शारदा अरोरा ने कहा…

dhanyvad

Unknown ने कहा…

देश अवश्य बदल रहा हैं । लेकिन कुछ समस्याएं आज़ादी से पहले थी वो आज भी हैं । अगर अनका निधान हो जाए तो भारत फ़िर से सोने की चीड़ियाँ होगा...............
http://savanxxx.blogspot.in

Unknown ने कहा…

देश अवश्य बदल रहा हैं । लेकिन कुछ समस्याएं आज़ादी से पहले थी वो आज भी हैं । अगर अनका निधान हो जाए तो भारत फ़िर से सोने की चीड़ियाँ होगा...............
http://savanxxx.blogspot.in

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब ,
हिन्दी ब्लॉगिंग में आपका लेखन अपने चिन्ह छोड़ने में कामयाब है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
मानती हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

शारदा अरोरा ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद इस हौसला अफज़ाई के लिए