वेलेन्टाइन डे की रात , प्रकृति ने बर्फ़बारी से नहला दिया सरोवर नगरी को , कुछ इस तरह ..
बहुत इन्तज़ार करवाती हो तुम
कितनी ही बार खिड़की से झाँक कर देखा
और जब आती हो तो दबे पाँव ,
आहट भी नहीं करतीं
सब तरफ बिछ जाती हो
बिल्कुल ज़िन्दगी की ही तरह
अब तुम्हारी चमक से
सारी दुनिया बदली हुई सी लगती है
ये मौसम की मेहरबानी है
सारा शहर पेड़-पौधे तेरे रँग में रँगे हुए से लगते हैं
बर्फ है के चाँदनी है ....सारी कायनात नहाई हुई सी लगती है
भीगी-भीगी मेरे मन की हालत की ही तरह
कितनी ही बार खिड़की से झाँक कर देखा
और जब आती हो तो दबे पाँव ,
आहट भी नहीं करतीं
सब तरफ बिछ जाती हो
बिल्कुल ज़िन्दगी की ही तरह
अब तुम्हारी चमक से
सारी दुनिया बदली हुई सी लगती है
ये मौसम की मेहरबानी है
सारा शहर पेड़-पौधे तेरे रँग में रँगे हुए से लगते हैं
बर्फ है के चाँदनी है ....सारी कायनात नहाई हुई सी लगती है
भीगी-भीगी मेरे मन की हालत की ही तरह
बर्फ है के चाँदनी है ....सारी कायनात नहाई हुई सी लगती है
जवाब देंहटाएंभीगी-भीगी मेरे मन की हालत की ही तरह
..मन की बात बहुत सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है आपने
बर्फवारी के बाद बदली प्रकृति के रंग खुली आँखों से देखना अपने आप में अवर्णनीय है ..
बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : फूलों के रंग से
बहुत ही सार्थक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंलाजबाब,अभिव्यक्ति ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: पिता
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन दादासाहब की ७० वीं पुण्यतिथि - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत खूब ... रात की तरह दबे पांव ... चांदनी के साथ उसका आना ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंदूध सा सफ़ेद चाँदनी में रजनी का खुबसूरत चित्रण !
जवाब देंहटाएंlatest post प्रिया का एहसास
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएं:-)
Bahut Sunder Bhav....
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंमौसम का असर लिए भाव भरी रचना ..चित्र पूरक लगे.
जवाब देंहटाएंअहसासो को बहुत ही संजीदगी से पिरोया है …
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