चाँद तक जा पहुँचे हो
पड़ोसी के घर तक पहुँच नहीं
कितनी डिग्रियाँ कर लीं हासिल
आम सी बात तो मालूम नहीं
कितने दोस्त हैं तुम्हारे F.B. पर
मगर एक भी जिगरी यार नहीं
बड़े से बँगले में हो तनहा
चार-जन का भी तो परिवार नहीं
कितने अंकों में है आय तुम्हारी
मगर मन को तो है कहीं करार नहीं
कितनी कीमती-कीमती घड़ियाँ हैं हासिल
मगर पल-दो-पल का वक़्त भी मयस्सर नहीं
बुद्धि से मात देते हो दिग्गजों को
मगर दिल से दिल तक पहुँचने की संवेदनाएँ ही नहीं
आज की कड़वी हकीकत है ये
कंक्रीट के जंगल में आदमी सा कोई किरदार नहीं
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13 अप्रैल 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
सटीक 👌👌👌
जवाब देंहटाएंnice sir ji
जवाब देंहटाएंhttps://gajjurock.blogspot.com/2022/03/how-to-join-indian-army.html