अब के मिलेंगे तुझसे तो ,दिल रख के आयेंगे घर
दिल काँच का जरुर है , खिलौना नहीं मगर
अकेले दम पर चलती नहीं दुनिया , हमने देखा है
मजबूर हैं हम , नुमायश नहीं मगर
ख़्वाब कितने महँगे हैं , बाज़ार में बिकते नहीं
नक्दे-जाँ के बदले , दिल ही चाहिये मगर
सवाल करना मना है , सितम तो देखिये भला
अपना भी उसे कैसे कहें ,पास होके भी दूर ही खड़ा है मगर
दिल काँच का जरुर है , खिलौना नहीं मगर
अकेले दम पर चलती नहीं दुनिया , हमने देखा है
मजबूर हैं हम , नुमायश नहीं मगर
ख़्वाब कितने महँगे हैं , बाज़ार में बिकते नहीं
नक्दे-जाँ के बदले , दिल ही चाहिये मगर
सवाल करना मना है , सितम तो देखिये भला
अपना भी उसे कैसे कहें ,पास होके भी दूर ही खड़ा है मगर