वो मिरे साथ चल तो सकता था
दिल में चाह ने सताया नहीं होगा उतना
वो मेरी खामियाँ ही निकालता रहा
मेरे जज़्बे को नहीं देख पाया होगा उतना
हम अपने हाल को गीतों में ढालते रहे
ये अश्कों का सफ़र नहीं सता पाया होगा उतना
जाने ज़िन्दगी क्या माँगती है
रूह को कौन समझ पाया होगा उतना
वो मुझे बहुत कुछ दे तो सकता था
किसी दोस्त सा चेहरा मुझ में नहीं देख पाया होगा उतना
दिल में चाह ने सताया नहीं होगा उतना
वो मेरी खामियाँ ही निकालता रहा
मेरे जज़्बे को नहीं देख पाया होगा उतना
हम अपने हाल को गीतों में ढालते रहे
ये अश्कों का सफ़र नहीं सता पाया होगा उतना
जाने ज़िन्दगी क्या माँगती है
रूह को कौन समझ पाया होगा उतना
वो मुझे बहुत कुछ दे तो सकता था
किसी दोस्त सा चेहरा मुझ में नहीं देख पाया होगा उतना