शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी इतनी आसान भी नहीं थी 
दूर के मकान से देखी हुई दास्तान भी नहीं थी 

दूर भागे भी तुझी से, गले लगाया भी तुझी को 

महबूब की तरह इतनी मेहरबान भी नहीं थी 

कैसे दिल लगा लेते हर शहर , हर घर से 

ज़िन्दगी टिक के रहने का सामान भी नहीं थी 

लम्हा-लम्हा जो गुजरा कोई कैसे बताये 

ज़िन्दगी-ज़िन्दगी है, आंधी-तूफ़ान भी नहीं थी 

हर चुभन बनी नज़्म और आँच ढली हर्फ़ों में 
शिकस्तगी की भला क्या कोई ज़ुबान नहीं थी 

सँग-दिलों में दिल तलाशती हूँ ,  ऐ ज़िन्दगी 

ऐतबार, भरोसे के सिवा तेरी कोई पहचान भी नहीं थी 

बुधवार, 18 सितंबर 2019

नानी का प्यारा घर

किच्छा की गलियों से
नानी के आँगन से
दरियों की पँगत से
बाल्टी भर आमों से
कजन्स की सँगत से
मासियों मामों से
रिश्ता जो अपना है

लाया है कौन हमें

यूरोप के शहरों तक
लहराती नदियों तक
सुरम्य नज़ारों तक
सारा जग अपना है
गगन की बाँहों तक

ज़िन्दगी की रँगत है

वही तो जोड़े है
दुआ सलामों से
बचपन की खुशबू से
लड़कपन यादों में
सुहाने सपनों में
महकता जीवन भर
खुली फ़िज़ाओं में
देश- विदेशों में
नानी का प्यारा घर

सोमवार, 29 जुलाई 2019

वक़्त हमें क्या देगा

वक़्त हमें क्या देगा 
क्या किस्मत जो बदल देगा 

वीरानियों ने पूछा है 
क्या कोई गुमाँ है जो बचपन देगा 

जहान तो है इक बाज़ार ही 
खोटे सिक्के सा तुझे पलट देगा 

दर्द जैसे जागता है हर सीजन 
चोट को कोई क्या भुला देगा 

वो मेरी जड़ें खोद रहा है 
ये गम ही मुझे कज़ा देगा 

बड़ी मामूली सी हैं ख्वाहिशें मेरी 
आसमान मुझे कोई क्या देगा 

वक़्त से भिड़ जाना आसान नहीं है 
फ़ना होगा या सँवर जायेगा ,
देखा जायेगा जो भी बदा होगा 

कज़ा -मौत


सोमवार, 1 जुलाई 2019

इज़हार

प्यार इज़हार माँगता है ,
और बार बार माँगता है 
जीने की वजह बनता है ,
इसीलिए तो इकरार माँगता है 

ख़ुशी भी छलकती है , 
और ग़म भी झलकता है 
वो जो आँखों से बयाँ होता है , 
दिल वही सुनने को तरसता है 

तुम जो हो आस पास तो , 
हम हो जाते हैं बेफिक्रे 
दिल के टुकड़ों को कोई कैसे समझाये 
दिल हो साबुत तब ही तो धड़कता है