शुक्रवार, 19 जून 2009

निशानी तेरी मेरे पास

चेहरा चमकता है सिन्दूरी आभा से
ये ही बेहतर निशानी तेरी मेरे पास

दिलों के मिलने के सबब होते हैं थोड़े
लम्बे रास्तों में जगमगाते हैं साथ-साथ

दूरियाँ कितनी भी हों चाहे भले
फासले दिलों के हों तो कर जाते हैं उदास

जगते मद्धिम दीये हों जैसे
तेरे ख्याल की रोशनी के साथ साथ

दिल को पढना हो पढ़ लो इसी रँग को
चेहरे पे छपा होता है अनगिनत रंगों के साथ