ये ही बेहतर निशानी तेरी मेरे पास
दिलों के मिलने के सबब होते हैं थोड़े
लम्बे रास्तों में जगमगाते हैं साथ-साथ
दूरियाँ कितनी भी हों चाहे भले
फासले दिलों के हों तो कर जाते हैं उदास
जगते मद्धिम दीये हों जैसे
तेरे ख्याल की रोशनी के साथ साथ
दिल को पढना हो पढ़ लो इसी रँग को
चेहरे पे छपा होता है अनगिनत रंगों के साथ